पंचकूला में दलित दूल्हे की घुड़चढ़ी पर हुए विवाद में भीम आर्मी ने भेजा मुख्यमंत्री को ज्ञापन
Apr 9, 2025, 20:50 IST

हिसार, 9 अप्रैल भीम आर्मी की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों
को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन पंचकूला के मौली गांव में दलित समुदाय
पर हो रहे गंभीर उत्पीड़न, धमकियों और हिंसा की घटनाओं को लेकर दिया गया है। भीम आर्मी नेता संतलाल अंबेडकर, अमित जाटव व प्रदीप यादव ने बुधवार काे बताया कि उन्होंने
ज्ञापन में उल्लेख किया है कि गत 6 अप्रैल को पंचकूला जिले के मोली गांव में एक दलित
परिवार की बेटी की शादी के अवसर पर सवर्ण समाज के कुछ लोगों ने जातिवाद के चलते घोड़ा-बग्गी
पर बारात आने का विरोध किया था। विरोध इतना उग्र था कि बग्गी चालक के साथ मारपीट की
गई और हालात इतने बिगड़े कि मौके पर 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात करने पड़े।
पुलिस
को लाठीचार्ज तक करना पड़ा जिसमें कई युवक घायल हो गए थे। शादी तो पुलिस निगरानी में
शांतिपूर्वक संपन्न हुई लेकिन इसके बाद गांव में दलित समुदाय के खिलाफ सवर्ण समाज के
कुछ शरारती तत्वों ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत छेड़छाड़, धमकी और मारपीट की घटनाओं
को अंजाम देना शुरू कर दिया। दलित युवतियों को स्कूल और कॉलेज आते-जाते समय परेशान
किया जा रहा है वहीं दलित युवकों को डराया-धमकाया और पीटा जा रहा है। स्थिति इतनी भयावह
है कि गांव के सैकड़ों दलितों को अपनी जान की सुरक्षा के लिए मंगलवार की रात थाने में
गुजारनी पड़ी। भीम आर्मी नेता संतलाल अंबेडकर, अमित जाटव और प्रदीप यादव ने यह स्पष्ट
किया है कि यदि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो यह मामला
प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है
भीम आर्मी नेताओ ने ज्ञापन में मांग रखते हुए कहा की मोली गांव के इस पूरे
घटनाक्रम में शामिल दोषियों के खिलाफ बीएनएस की धाराओं और एससीएसटी एक्ट के तहत सख्त
कानूनी कार्रवाई की जाए।
को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन पंचकूला के मौली गांव में दलित समुदाय
पर हो रहे गंभीर उत्पीड़न, धमकियों और हिंसा की घटनाओं को लेकर दिया गया है। भीम आर्मी नेता संतलाल अंबेडकर, अमित जाटव व प्रदीप यादव ने बुधवार काे बताया कि उन्होंने
ज्ञापन में उल्लेख किया है कि गत 6 अप्रैल को पंचकूला जिले के मोली गांव में एक दलित
परिवार की बेटी की शादी के अवसर पर सवर्ण समाज के कुछ लोगों ने जातिवाद के चलते घोड़ा-बग्गी
पर बारात आने का विरोध किया था। विरोध इतना उग्र था कि बग्गी चालक के साथ मारपीट की
गई और हालात इतने बिगड़े कि मौके पर 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात करने पड़े।
पुलिस
को लाठीचार्ज तक करना पड़ा जिसमें कई युवक घायल हो गए थे। शादी तो पुलिस निगरानी में
शांतिपूर्वक संपन्न हुई लेकिन इसके बाद गांव में दलित समुदाय के खिलाफ सवर्ण समाज के
कुछ शरारती तत्वों ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत छेड़छाड़, धमकी और मारपीट की घटनाओं
को अंजाम देना शुरू कर दिया। दलित युवतियों को स्कूल और कॉलेज आते-जाते समय परेशान
किया जा रहा है वहीं दलित युवकों को डराया-धमकाया और पीटा जा रहा है। स्थिति इतनी भयावह
है कि गांव के सैकड़ों दलितों को अपनी जान की सुरक्षा के लिए मंगलवार की रात थाने में
गुजारनी पड़ी। भीम आर्मी नेता संतलाल अंबेडकर, अमित जाटव और प्रदीप यादव ने यह स्पष्ट
किया है कि यदि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो यह मामला
प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है
भीम आर्मी नेताओ ने ज्ञापन में मांग रखते हुए कहा की मोली गांव के इस पूरे
घटनाक्रम में शामिल दोषियों के खिलाफ बीएनएस की धाराओं और एससीएसटी एक्ट के तहत सख्त
कानूनी कार्रवाई की जाए।