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बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी ने छोड़ी कांग्रेस, करेंगी बीजेपी ज्वाइन

 
  बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी ने छोड़ी कांग्रेस, करेंगी बीजेपी ज्वाइन 
 चंडीगढ़/ भिवानी, 18 जून। लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में कांग्रेस में गुटबाजी सामने आने लगी है। अब कांग्रेस को गुटबाजी से खतरा हो गया है। इससे पहले 2019 के चुनावों में भी कांग्रेस की गुटबाजी के चलते इतना नुकसान हुआ था कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनते-बनते रह गई। अब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधु व भिवानी के तोशाम से विधायक किरण चौधरी और उनकी बेटी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को अपना इस्तीफा भेजा है। जिसमें किरण ने लिखा कि यहां पार्टी को निजी जागीर की तरह चला रहे हैं। मुझे बेइज्जत किया गया। वह अपनी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के साथ 19 जून को बीजेपी जॉइन करेंगी। दोनों दिल्ली जाकर बीजेपी के मुख्यालय में पार्टी में शामिल होंगी। इस दौरान वहां केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।
बता दें कि किरण चौधरी लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने के बाद से ही नाराज दिख रही थी। किरण ने खुलकर मीडिया के सामने कई बार राजनीतिक तौर पर उन्हें खत्म करने की साजिश रचने के आरोप लगाए। उनके अलावा कांग्रेस के एक और नेता पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के भी पार्टी छोडऩे की चर्चा है। हालांकि कुलदीप अभी कांग्रेस में ही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द वह भी बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। 
किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भिवानी सीट पर एक बार सांसद भी रह चुकी है, लेकिन पार्टी ने इस बार श्रुति का टिकट काटकर पूर्व सीएम हुड्डा के नजदीकी महेंद्रगढ़ के एमएलए राव दान सिंह को मैदान में उतार दिया। इससे किरण नाराज हो गई और चुनावी प्रचार से भी पूरी तरह दोनों ने दूरी बना ली। हालात ये बने कि राव दान सिंह चुनाव हार गए।
गुटों में बंटी हुई है कांग्रेस:
हरियाणा में कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है। एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो दूसरा उनके एंटी एसआरके (कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी) गुट बना हुआ है। इसके अलावा पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव भी अपनी अलग राग अलाप रहे हैं। बता दें कि बंसीलाल परिवार की भिवानी में लंबे अरसे से पैंठ है। बंसीलाल और उनके बेटे सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत किरण चौधरी संभाल रही है।