डीएवी डेंटल कॉलेज में एंटी रैंगिंग को लेकर जागरूकता कार्यक्रम
रैगिंग से दूर रहकर भविष्य पर ध्यान केंद्रित करें विद्यार्थी: कटारिया
Wed, 22 Feb 2023

यमुनानगर, 22 फरवरी। डीएवी डेंटल कॉलेज यमुनानगर में एंटी रैगिंग को लेकर छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में पं. भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी रोहतक के डीन एवं डीसीआई के सीनियर मेंबर डॉ. संजय तिवारी, एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा के प्रोफेसर एवं डीसीआई के वरिष्ठ सदस्य डॉ. एसके कटारिया व हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस पांवटा साहिब के प्रिंसिपल डॉ. राजन गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।
पुलिस विभाग की ओर से डीएसपी हेडक्वार्टर कंवलजीत सिंह ने भी रैगिंग को लेकर बने कानूनी प्रक्रिया के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। सेमिनार की अध्यक्षता डीएवी डेंटल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. आईके पंडित ने की। इस अवसर पर डॉ. तिवारी ने कहा कि स्टूडेंट्स को रैगिंग जैसे गलत काम छोडक़र अपना पूरा ध्यान अपनी शिक्षा पर देना चाहिए और स्वयं व देश के विकास के लिए समर्पित होना चाहिए।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. एसके कटारिया ने कहा कि जब वे कॉलेज में थे तो तब रैगिंग खतरनाक हुआ करती थी। सीनियर स्टूडेंट्स जूनियर को पीटते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। हालांकि उन्होंने बताया कि कुछ कॉलेजों से अभी रैगिंग की शिकायतें आती हैं, जिस पर वे जांच करने जाते हैं। कॉलेज में जूनियर को पीटना या धमकाना ही रैगिंग नहीं है, उसके रंग, पहनावे और चलने पर कमेंट करना भी रैगिंग के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि रैगिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट व यूजीसी बहुत सख्त है और इसके खिलाफ कई प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है। रैगिंग करने से न केवल छात्र-छात्रा अपना भविष्य खराब करता है बल्कि अपने अभिभावकों के सपनों को तोडऩे का काम करता है।
डीएसपी कंवलजीत सिंह ने कहा कि रैगिंग अपराध है इसलिए स्टूडेंट्स ये अपराध न करें। डीएवी डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आईके पंडित ने कहा कि निगरानी के लिए कॉलेज में एंटी-रैगिंग कमेटी का गठन किया हुआ है। कमेटी छात्रों को रैगिंग के दुष्परिणामों और दुष्परिणामों के बारे में भी समय समय पर जागरूक करती है। सेमिनार में रैगिंग के खिलाफ पुस्तिका का भी विमोचन किया गया और छात्र छात्राओं को जागरूक करने को लेकर एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।
इस कार्यक्रम में पं. भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी रोहतक के डीन एवं डीसीआई के सीनियर मेंबर डॉ. संजय तिवारी, एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा के प्रोफेसर एवं डीसीआई के वरिष्ठ सदस्य डॉ. एसके कटारिया व हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस पांवटा साहिब के प्रिंसिपल डॉ. राजन गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।
पुलिस विभाग की ओर से डीएसपी हेडक्वार्टर कंवलजीत सिंह ने भी रैगिंग को लेकर बने कानूनी प्रक्रिया के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। सेमिनार की अध्यक्षता डीएवी डेंटल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. आईके पंडित ने की। इस अवसर पर डॉ. तिवारी ने कहा कि स्टूडेंट्स को रैगिंग जैसे गलत काम छोडक़र अपना पूरा ध्यान अपनी शिक्षा पर देना चाहिए और स्वयं व देश के विकास के लिए समर्पित होना चाहिए।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. एसके कटारिया ने कहा कि जब वे कॉलेज में थे तो तब रैगिंग खतरनाक हुआ करती थी। सीनियर स्टूडेंट्स जूनियर को पीटते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। हालांकि उन्होंने बताया कि कुछ कॉलेजों से अभी रैगिंग की शिकायतें आती हैं, जिस पर वे जांच करने जाते हैं। कॉलेज में जूनियर को पीटना या धमकाना ही रैगिंग नहीं है, उसके रंग, पहनावे और चलने पर कमेंट करना भी रैगिंग के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि रैगिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट व यूजीसी बहुत सख्त है और इसके खिलाफ कई प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है। रैगिंग करने से न केवल छात्र-छात्रा अपना भविष्य खराब करता है बल्कि अपने अभिभावकों के सपनों को तोडऩे का काम करता है।
डीएसपी कंवलजीत सिंह ने कहा कि रैगिंग अपराध है इसलिए स्टूडेंट्स ये अपराध न करें। डीएवी डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आईके पंडित ने कहा कि निगरानी के लिए कॉलेज में एंटी-रैगिंग कमेटी का गठन किया हुआ है। कमेटी छात्रों को रैगिंग के दुष्परिणामों और दुष्परिणामों के बारे में भी समय समय पर जागरूक करती है। सेमिनार में रैगिंग के खिलाफ पुस्तिका का भी विमोचन किया गया और छात्र छात्राओं को जागरूक करने को लेकर एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।