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सिरसा मंडी में 1 अप्रैल से आढ़ती करेंगे धरना-प्रदर्शन: मेहता

 
 सिरसा मंडी में 1 अप्रैल से आढ़ती करेंगे धरना-प्रदर्शन: मेहता
 सिरसा, 29 मार्च। सरकार आढ़तियों की मांगों को लंबे समय से पूरा नहीं कर रही है। इसलिए हरियाणा स्टेट अनाजमंडी आढ़ती संगठन की राज्य कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार 1 अप्रैल से सिरसा मंडी में आढ़ती एसोसिएशन द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शन 5 अप्रैल तक चलेगा। यदि उसके बाद भी सरकार ने आढ़तियों की मांगों पर गौर नहीं किया तो प्रदर्शन को आगे भी जारी रखा जाएगा। यह बात आढ़ती एसोसिएशन सिरसा के प्रधान मनोहर मेहता ने आज जारी एक बयान में कही।
प्रधान मेहता ने बताया कि गत दिवस कुरूक्षेत्र में हरियाणा स्टेट अनाजमंडी आढ़ती संगठन की राज्य कार्यकारिणी की बैठक कुरूक्षेत्र में प्रधान अशोक गुप्ता की अध्यक्षता में हुई थी। उसी बैठक में आढ़तियों की सभी मांगों पर विस्तार से मंथन किया गया। बैठक में सर्वसम्म्मति से निर्णय लिया गया कि
अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो 1 अप्रैल 2024 से 5 अप्रैल 2024 तक हरियाणा की पूरी मंडियों में सभी आढ़ती अपनी अपनी मंडियों में सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करेंगे। अगर सरकार फिर भी हमारी मांगे नहीं मानती तो चुनाव तिथि से 10 दिन पहले पूरे हरियाणा में सरकार का जोर-शोर से खुला विरोध करेंगे। उसी कड़ी में सिरसा में भी एक अप्रैल से मार्केट कमेटी सिरसा के कार्यालय के आगे धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ आढ़तियों व व्यापारियों में भारी रोष है। आढ़तियों के प्रदर्शन को व्यापारियों की अन्य यूनियनों ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि आढ़़तियों की मांग है कि किसानों की सभी फसलें जैसे कॉटन,  सरसो, सूरजमुखी,बाजरा इत्यादि और अन्य सभी फसलें सरकार द्वारा एमएसपी पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदे। और आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए जो कि गेहूं पर लगभग 57 रुपये व धान पर 55 बनती है। जबकि पिछले चार वर्षों से सरकार द्वारा गेहूं पर 46 और धान पर 45.88 रुपए फिक्स आढ़त दी जा रही है जो की बहुत कम है। सरसो और कॉटन फसलें सरकार हैफेड और कॉटन कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के माध्यम से सीधे किसानों से खरीद रही है जिससे आढ़ती का कोई कमीशन नहीं बन रहा है जो कि आढ़तियों के साथ अन्याय है। इससे आढ़तियों में बहुत रोश है।अत:  सरकार से निवेदन है कि सभी फसलें आढ़तियों के माध्यम ही खरीदी जाए और पूरी 2.5 प्रतिशत  आढ़त अदा की जाए या सरकार सरसों और कॉटन को भी भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत खरीद करें जिससे कि हमारी एपीएमसी मंडिया खत्म होने से बच सकें। आढ़तियों की मांग है कि      पिछले 4 वर्षो से एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है। इस से आढ़तियों के साथ-साथ किसानों में बहुत रोष है। अत सरकार से निवेदन है कि सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की सहमति अनुसार आढ़ती या किसान के स्वयं के खाते में अदा किया जाना चाहिए। धान सीजन 2019 में खरीद एजेंसियों द्वारा छह महीने देरी से भुगतान किया गया था। इसलिए देरी से भुगतान का ब्याज  दिया जाए। इनकम टैक्स विभाग ने कच्चे आढ़तियों के टीडीसी रिफंड को रोक दिया है क्योंकि कच्चे आढ़ती की सेल को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में या उनके सॉफ्टवेयर में भ्रम है की कच्चे आढ़ती की पूरे आई फॉर्म की वैल्यू कच्ची आढ़ती की सेल मान रहे हैं जबकि वास्तव में एपीएमसी मंडियो में फसल सेल करने वाला किसान है उस फसल को खरीदने वाला पक्का आढ़ती या मिलर है। कच्चा आढ़ती उस फसल के भुगतान को पक्के आढ़ती  या मिलर से लेकर किसान को देता है। इस सब कार्य के लिए कच्चे आढ़ती को कमीशन मिलती है। इसलिए कच्चे आढ़ती को कमीशन एजेंट भी कहा जाता है। इसलिए कच्चे आढ़ती की कुल सेल  उसकी कमीशन है जिस पर नियम अनुसार टीडीएस काटा जाना चाहिए। हमारी सरकार से मांग है कि इसे जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। मनोहर मेहता ने कहा कि जीएसटी डिपार्मेंट ने 5 करोड़ से ऊपर सालाना सेल वाले व्यापारियों के लिए जरूरी कर दी है। इसमें भी उपरोक्त की तरह कच्चे आढ़ती की सेल केवल उसकी कमीशन है ना कि आई फार्म की कुल कीमत। इसलिए यह इनवॉइस वाला कानून कच्चे आढ़ती के ऊपर लागू नहीं होता है। सरकार से आढ़तियों की मांग है कि एफसीआई से आढ़तियों को उनकी पूरी आढ़त दिलवाई जाए। आढ़तियों की मांग है कि मार्केटिंग बोर्ड द्वारा मंडियों के लिए बनाए गए नियम बहुत ही पुराने व अव्यवहारिक हो गए हैं। अत: समय अनुसार अब उन नियमों में भारी बदलाव की आवश्यकता है। मेहता ने कहा कि उक्त सभी मांगों को मनवाने के लिए ही आढ़तियों ने प्रदर्शन् का निर्णय लिया है।