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हाई कोर्ट में हेमंत सोरेन की दायर याचिका वापस लेने के मामले में बहस पांच फरवरी को​​​​​​​

 
 हाई कोर्ट में हेमंत सोरेन की दायर याचिका वापस लेने के मामले में बहस पांच फरवरी को
रांची, 01 फरवरी झारखंड हाई कोर्ट में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से गुरुवार को दाखिल क्रिमिनल रिट को वापस लेने के लिए हस्तक्षेप याचिका (आइए) दाखिल की गयी। सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (एएसजीआई) एसवी राजू ऑनलाइन रूप में दिल्ली से हाई कोर्ट से जुड़े।
सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से हस्तक्षेप याचिका (आइए) दाखिल कर कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक स्पेशल बेंच बनाया है।सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन की ओर से ईडी की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को होनी है। इसे देखते हुए वह हाई कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका को वापस लेना चाहते हैं। इस पर एएसजीआई एसवी राजू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वह हेमंत सोरेन के हाई कोर्ट से केस वापस लेने के हस्तक्षेप याचिका (आइए) पर जवाब दाखिल करना चाहते हैं।
इस पर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हेमंत सोरेन के लिए केस वापस लेने के आइए पर बहस के लिए पांच फरवरी की तिथि निर्धारित की। साथ ही मामले में ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एएसजीआइ एसवी राजू के साथ-साथ हाई कोर्ट के अधिवक्ता एके दास ने पक्ष रखा।
इसके पहले हाई कोर्ट की प्रथम पाली में मामले की सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से बदली हुई परिस्थिति में कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दायर करने के लिए हस्तक्षेप याचिका दाखिल करने के लिए दोपहर 12:00 बजे का समय देने का आग्रह कोर्ट से किया गया था, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि इस मामले को अर्जेंट बता कर बुधवार रात ही रजिस्ट्रार जनरल के सामने इस केस को मेंशन किया गया था। इसके बाद इस केस सुनवाई के लिए गुरुवार को सुबह 10:30 बजे निर्धारित किया गया।
इस अर्जेंट बताये जानेवाले केस को आधा अधूरा क्यों दाखिल किया गया। इससे प्रतीत होता है कि यह मामला अर्जेंट नहीं था, इसलिए गुरुवार इस मामले की सुनवाई कोर्ट नहीं करेगी। हालांकि बाद में हेमंत सोरेन की ओर से इस केस को मेंशन करते हुए हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर केस को वापस लेने का आग्रह किया गया था।