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रोहतक में कोरोना को लेकर अलर्ट

फ्लू वाले मरीजों को ओपीडी से रखा जाएगा दूर 
 
रोहतक में कोरोना को लेकर अलर्ट 
रोहतक, 27 दिसंबर। रोहतक में कोरोना को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है ताकि नए वैरिएंट बीएफ 7 से सुरक्षित बचा जा सके। कोरोना के अलर्ट को देखते हुए अब फ्लू वाले मरीजों को जिला अस्पताल ही नहीं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों की ओपीडी से भी दूर रखा जाएगा ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके।
इसके लिए विभाग द्वारा फ्लू कॉर्नर बनाने का निर्णय लिया है ताकि ओपीडी  में आने वाले फ्लू मरीजों की वहां पर ही जांच की जा सके। विभाग द्वारा फ्लू कॉर्नर ओपीडी से अलग व बाहर खुले में बनाया जाएगा, जहां फ्लू जैसे लक्षण वाले सभी मरीजों की जांच, सैंपलिंग व इलाज तक की प्रक्रिया की जाएगी।
अन्य मरीजों से दूर रखना उद्देश्य
फ्लू कॉर्नर बनाने का एक उद्देश्य यह है कि जो फ्लू के लक्षण वाले मरीज आते हैं, उन्हें अन्य मरीजों से दूर रखा जाए। क्योंकि कोरोना होने पर भी फ्लू के लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में कोई कोरोना संक्रमित मरीज भी जांच के लिए आता है, तो वह दूसरों को न फैला पाए। वहीं खुले में कोरोना फैलने का कम खतरा रहता है।
ओपीडी का बोझ होगा कम
फ्लू कॉर्नर बनने के बाद ओपीडी का बोझ कम होगा। इस समय वायरल व फ्लू के मरीजों की संख्या ही अधिक रहती है। इसलिए उनको ध्यान में रखकर फ्लू कॉर्नर बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कि लोगों को भी ठीक व समय से स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएं।
कोई एक्टिव केस नहीं
जिले की बात करें तो अब तक कुल 33 हजार 229 कोरोना संक्रमित मिल चुके जिनमें से 32 हजार 631 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं 598 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। राहत की बात यह है कि फिलहाल जिले में कोई कोरोना का एक्टिव केस नहीं है। फिलहाल सैंपलिंग भी धीमी ही चल रही है। जिले में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है, खासकर बूस्टर डोज लगवाने वालों की। जिले में अब तक करीब 18 लाख 17 हजार डोज वैक्सीन लगी हैं। जिनमें से बूस्टर डोज लगवाने वाले करीब 32 हजार लोग वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे ही नहीं। जो चिंता का कारण हैं और कोरोना का खतरा भी बढ़ा रहे हैं।
फ्लू कॉर्नर बनाने के निर्देश
सीएमओ डॉ. अनिल बिरला ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थाओं में फ्लू कॉर्नर बनाने के निर्देश दे दिए हैं जो ओपीडी के बाहर बनाए जाएंगे। जहां पर फ्लू जैसे लक्षण वाले मरीजों की जांच व इलाज किया जाएगा, ताकि उन्हें ओपीडी में न जाना पड़े।