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वाईजेसीसीआई ने कलेक्टर रेट बारे उपायुक्त को दिए सुझाव

 
 वाईजेसीसीआई ने कलेक्टर रेट बारे उपायुक्त को दिए सुझाव
यमुनानगर, 31 दिसंबर। यमुनानगर-जगाधरी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान डॉ. एमके सहगल ने यमुनानगर के उपायुक्त राहुल हुड्डा व नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा को 2023 के कलेक्टर रेट बारे मीटिंग में कई सुझाव दिए। चैंबर के सदस्यों द्वारा उद्योगों से संबंधित, कलेक्टर रेट बारे, विभिन्न विषयों पर प्रतिनिधित्व दिया गया। 
डॉ. सहगल ने नये उद्योग लगाते वक्त अधिक कलेक्टर रेट कीकठिनाइयों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि नये उद्योगपति को कई अतिरिक्त शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है। पहला उस क्षेत्र पर लागू कलेक्टर दर के दोगुने पर अतिरिक्त स्टांप शुल्क का भुगतान, दूसरा सीएलयू चार्ज, तीसरा, ईडीसी (बाहरी विकास शुल्क) का भुगतान करना पड़ रहा है जिस वजह से नए उद्यमी उद्योगों को लगाने के लिए हतोत्साहित हो सकते हैं और अपने उद्योगों को गांवों के अंदर लगाने बारे सोचते हैं। 
उपायुक्त से आग्रह किया गया कि सीएलयू शुल्क एवं ईडीसी शुल्क व कलेक्टर रेट से दोगुना वसूल किया जाने वाले शुल्क को काम किया जाना चाहिए ताकि उद्योगों को इन औद्योगिक क्षेत्रों में लगाया जा सके। डॉ एमके सहगल ने बताया कि मौजूदा उद्योग के लिए गैर-मुमकिन कारखाना कलेक्टर रेट लगभग 8000/- प्रति वर्ग भी बहुत अधिक है, साथ ही उन्होंने बताया कि कृषि भूमि के लिए कुछ गांवों में कलेक्टर रेट लगभग 27 लाख प्रति एकड़ और कुछ गांवों में यह लगभग 85 लाख प्रति एकड़ है जबकि कलेक्टर रेट लगभग 8000 प्रति वर्ग यार्ड सभी गांवों के लिए घोषित किया गया है। इसलिए इस तरह से लिए जाने वाला कलेक्टर रेट काफ़ी ज़्यादा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अनुमोदित श्रेणी के अंतर्गत कोई उद्योग बेचा जा रहा हो तो क्रेता को न केवल उस भूमि बल्कि उस भूमि पर बने कारखाने के भवन पर भी स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा। इसलिए, स्वीकृत उद्योग के मामले में कलेक्टर दर भूमि की मूल कलेक्टर दर (यानी कलेक्टर दर + सीएलयू शुल्क + ईडीसी शुल्क) से 1.5 गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए, जो कि पिछले मालिक ने भवन की वास्तविक दर पर पहले ही भुगतान कर दिया है। 
उपस्थित पदाधिकारियों ने सुझावों पर विस्तार से विचार विमर्श किया। उपायुक्त ने सभी मुद्दों को ध्यान से सुना व विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर वीपी सिंह अहलूवालिया, राजीव पुरी, दीपक सोंधी, अशोक छाबड़ा, मनोज पंजेटा, तिलक राज नंदा, जिला राजस्व विभाग के सभी अधिकारी व जिले के अन्य कई विशिष्ट व्यक्ति मौजूद रहे।