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जीविकोपार्जन में सक्षम बनाती है व्यवसायिक शिक्षा: कंबोज

 
 जीविकोपार्जन में सक्षम बनाती है व्यवसायिक शिक्षा: कंबोज
डिंगमंडी, 11 जनवरी। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में व्यवसायिक शिक्षा पर आधारित टीजीटी के तीसरे व चौथे बैच के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का बुधवार को समापन हुआ। संस्थान के प्रवक्ता सुरेंद्र नूनियां ने बताया कि इस शिविर में जिला सिरसा के दोनों बैच के 95 टीजीटी शिक्षकों ने भाग लिया। 
शिविर में उपस्थित अध्यापकों को संबोधित करते हुए शिविर प्रभारी व संस्थान के विषय-विशेषज्ञ रोशनलाल कंबोज ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा आधुनिक युग की नई मांग है। वर्तमान में उसी शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्थान दिया जाता है, जो छात्रों को जीविकोपार्जन करने योग्य बनाए। शिक्षा के क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा को जोडऩे का प्रथम प्रयास कोठारी आयोग 1964 ने किया। इस आयोग ने सरकार को माध्यमिक शिक्षा के व्यवसायिकरण का सुझाव दिया। 
उन्होंने कहा कि सामान्यत: शिक्षा को व्यवसाय के साथ जोडऩा ही व्यवसायिक शिक्षा कहलाती है, परंतु वास्तव में इसका अर्थ अधिक व्यापक है। व्यावसायिक शिक्षा छात्रों को व्यवसाय चुनने व व्यवसाय संबंधी योग्यता प्राप्त कराने का अवसर प्रदान करती है। कंबोज ने कहा कि किसी देश के विकास में उस देश की शैक्षिक व्यवस्था का बहुत अधिक महत्व होता है और अगर उस शिक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यवसाय दिलाना और उनको जीविकोपार्जन योग्य बनाना हो तो उस देश का विकास निश्चित होता है। 
शिक्षा अपने वास्तविक उद्देश्यों और लक्ष्यों की प्राप्ति तभी कर सकती है, जब वह शिक्षा व्यावसायिक शिक्षा हो। वर्तमान में शिक्षा की घटती गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए जरूरी है कि शिक्षा को पूर्णत: व्यावसायिक शिक्षा में परिवर्तित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा छात्रों को व्यवसाय चुनने में ही सहायक नहीं है, अपितु इसके द्वारा छात्रों का सर्वांगीण विकास भी किया जाता है। शिविर में मास्टर ट्रेनर मनोज कुमार, जितेंद्र कुमार, रमनप्रीत सिंह, अमीन, हरीराम, सुधीर कुमार व रोहित कुमार ने सभी 95 टीजीटी को प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर शीला रानी, देवीलाल, गुरदित्ता, सुखपाल फौगाट, मंदीप शर्मा, सुनील कुसुंबी, सुमित कुमार, सज्जन फौजी व सुभाष बेनीवाल उपस्थित थे।