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नारी सशक्तिकरण को जीवनपर्यंत लड़ती रहीं सावित्री फूले: कंवरपाल

 
नारी सशक्तिकरण को जीवनपर्यंत लड़ती रहीं सावित्री फूले: कंवरपाल 
यमुनानगर, 3 जनवरी। हरियाणा के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने बताया कि देश की पहली महिला शिक्षक एवं वंचित वर्गों की शिक्षा, समानता की प्रबल समर्थक क्रांति ज्योति व नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता सावित्रीबाई फूले ने न केवल समाज में प्रचलित कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि वे नारी सशक्तिकरण के लिए जीवनपर्यंत लड़ती भी रही। हमारे धार्मिक ग्रंथों में यह साफ-साफ शब्दों में वर्णित है कि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। जिस परिवार, समाज व देश में नारी का सम्मान नहीं होता वह देश और समाज तरक्की नहीं करता। 
सावित्री फूले ने अपने पति महात्मा ज्योतिबा फूले के साथ मिलकर अस्पृश्यता, आधिपत्य, जातिवादी व्यवस्था, समाज विरोधी व यथास्थितिवादी ताकतों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लडक़र महिलाओं की शिक्षा के लिए क्रांतकारी अभियान शुरू किए। 
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने बताया कि वास्तव में यह भारतीय समाज में महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। सावित्रीबाई , जो नारी शक्ति की प्रतीक हैं और नारी सशक्तिकरण की महान क्रांति की अग्रदूत बनी। नारी सशक्तिकरण अब केंद्र व राज्य सरकारों का मुख्य केंद्र बन गया है। 
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण में कई पहल की हैं। महिला उद्यमिता मंच स्थापित करना नीति आयोग की प्रमुख पहल है, जो महिला उद्यमियों के लिए अपनी तरह का एक एकीकृत सूचना पोर्टल है।