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अमित शाह की रैली में पहुंच गांवों का हक मांगे सरपंच: नवीन जयहिंद

 
अमित शाह की रैली में पहुंच गांवों का हक मांगे सरपंच: नवीन जयहिंद
रोहतक, 28 जनवरी। जसिया गांव में सरपंच एसोसिएशन के सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे जयहिंद का प्रदेश के सरपंचों ने भव्य स्वागत किया। सभा में नवीन जयहिंद ने कहा कि हम सरपंचो के साथ हैं। अगर मनोहर लाल खट्टर प्रदेश के मुखिया हैं तो हर एक सरपंच अपने गांव का मुख्यमंत्री है। इस सरकार ने सरपंचों को चोर बताकर जो ई-टेंडरिंग की  प्रथा लागू की है वह ग्रामीण आँचल के लोगों का अपमान है। 
जयहिंद ने  कहा कि सरकार यही योजना खुद के मंत्री और विधायकों पर क्यों लागू नहीं करती। वैसे ही राइट टू रिकॉल को पहले प्रदेश के मंत्री मुख्यमंत्री पर लागू किया जाए। तब सरपंच इसका विरोध करें तो बताना।  जयहिंद ने अमित शाह की  रैली को लेकर विपक्ष को खुला चैलेंज करते  हुए कहा कि यदि किसी विपक्ष के नेता में हिम्मत है तो विपक्ष का कोई भी नेता चाहे वो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही क्यों न हों गोहाना पहुंचकर अमित शाह की  रैली का विरोध करें। ऐसा करने वाले किसी भी नेता को जयहिंद की तरफ से 1 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।  
जयहिंद ने मंच से कहा कि एक सरपंच एक लाख के बराबर है। इसलिए कोई भी अपना हक लेने से पीछे मत हटो। ये जनता की लड़ाई है, जिसे  सरपंच लड़ रहे हैं इसलिए जेल जाने से नहीं डरना, न अपनी इस लड़ाई को रोकना चाहिए। सरकार ने सरपंचों के लिए 2 लाख का बजट तय किया है लेकिन 2 लाख में एक बाथरूम तक नहीं बनता तो सरपंच कहां से गांवों का विकास करेंगे। सरकार पर निशाना साधते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि पहले ही सरकार गांवों के  विकास को पौने 2 साल तक रोक चुकी।  सरकार उन पौने दो सालों के पैसे का  हिसाब दे कि वो सरकार ने गांवों के  किन विकास कार्यो पर खर्च करे। जयहिंद ने सरपंचो की बात रखते हुए कहा कि गांव में अगर किसी का बीपीएल कार्ड कटा है तो वो सरपंच के पास जाएगा, न की सरकार के। सरकार तो जनता के कार्ड और पेंशन काटने का काम कर रही है लेकिन उसका अंजाम सरपंचो को भुगतना पड़ रहा है।