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अमित शाह की रैली का घेराव करें सरपंच, तभी होगा समाधान: जयहिंद

 
अमित शाह की रैली का घेराव करें सरपंच, तभी होगा समाधान: जयहिंद 
रोहतक, 17 जनवरी। सरपंचों के साथ अन्याय को लेकर नवीन जयहिंद ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरपंच गांव के सीएम होते हैं। गांव का मान सम्मान स्वाभिमान सरपंच ही होते हैं, इसलिए सरकार भी उन्हें पूरा मान सम्मान दे और सरपंचों की बेइज्जती करना बंद करे। पूरे प्रदेश में जिस तरह से सरपंच हर जिले में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उसी कड़ी में नवीन जयहिंद भी अब सरपंचों के साथ खड़े हो गए है। 
जयहिंद ने सरकार को चेताते हुए कहा कि ये सरकार व इनका मुखिया सरपंचों के पीछे पडऩा छोड़ दें। सरकार व मंत्रिमंडल का दिमाग पहले ठीक करे। सरपंचों का अपमान गांव के लोगों की बेइज्जती है। जयहिंद ने कहा कि गांव के विकास के लिए सरपंच को 2 लाख की राशि सरकार ने सुनिश्चित की है। इतने पैसे में तो एक टॉयलेट भी नहीं बनता। सरपंच कैसे इतने पैसे में गांव का विकास करेंगे। ये ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं है। जयहिंद ने कहा कि पहले तो सरकार ने चुनाव 2 साल देरी से करवाए। इससे गांवों के विकास कार्य पहले से अधर में लटके हुए हैं और वो पैसा पहले ही सरकार हजम कर चुकी है। अब केवल 2 लाख रुपए दे रही है  क्या सरकार सारे सरपंचों को चोर समझती है? 
सरकार सरपंचों को रीकॉल करने की बात कहती है लेकिन पहले सरकार खुद के  मंत्रिमंडल और विधायकों को री कॉल करवाए। डिजिटल सर्वे कराएं, मुख्यमंत्री अपना री कॉल कराये। सरकार को दूध का दूध पानी का पानी नजर आ जाएगा।  जयहिंद ने सरपंचों का समर्थन करते हुए कहा कि 29 जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह गोहाना में आ रहे हैं, उनके सामने अपनी मांग रखेंगे तभी समाधान होगा।  क्यूंकि सरकार खुद खाना जानती है। जनता चाहे भूखी मर जाए, इस सरकार को कोई परवाह नहीं है।