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जेसीडी में राष्ट्रीय सतत् पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम संपन्न

पुरुषों में विकलांगता स्त्रियों की बजाय ज्यादा: डॉ. ढींडसा
 
जेसीडी में राष्ट्रीय सतत् पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम संपन्न 
सिरसा, 12 जनवरी। जननायक चौ. देवीलाल शिक्षण कॉलेज में भारतीय पुनर्वास परिषद् नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सतत् पुनर्वास शिक्षा (सीआरई) कार्यक्रम का विधिवत् समापन किया गया। 
समापन समारोह के मुख्य अतिथि जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. सुषमा शर्मा, भूतपूर्व चेयरपर्सन डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र द्वारा की गई। इस अवसर पर विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यगण डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता, डॉ. अनुपमा सेतिया, डॉ. शिखा गोयल, हरलीन कौर व जेसीडी डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ राजेश्वर चावला उपस्थित रहे।
महाविद्यालय  के प्राचार्य और कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. जयप्रकाश ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया व अतिथियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को परामर्श की आवश्यकता है जिसके माध्यम से वे विशेष शिक्षण द्वारा बच्चों को शिक्षित समाज की मुख्यधारा में शामिल कर सकें।
मुख्यातिथि जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांग बच्चे भगवान द्वारा भेजे गए उपहार हंै इनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। दिव्यांग तो वे लोग हैं जो कोई कार्य नहीं करते बल्कि सदैव खाली बैठे रहते हैं। दिव्यांग बच्चों की शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का विशेष महत्व होता है। डॉ ढींडसा ने  बताया कि अशक्तता का प्रसार महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक है। पुरुषों में, विकलांगता का प्रसार 2.4 प्रतिशत था जो महिलाओं में 1.9 प्रतिशत है। भारत में विकलांगता प्रसार (जनसंख्या में विकलांग व्यक्तियों का प्रतिशत) 2.2 प्रतिशत है।  ग्रामीण क्षेत्रों में यह 2.3 प्रतिशत व शहरी क्षेत्रों में 2.0 प्रतिशत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही और मुख्य वक्ता डॉ. सुषमा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांग बच्चे समाज का अभिन्न अंग है इनको विशेष शिक्षा के साथ-साथ प्यार की भी आवश्यकता होती है। रिसोर्स पर्सन रामपाल ने  विभिन्न शिक्षा नीतियों में उल्लेख विशेष शिक्षा बारे जानकारी दी। कार्यक्रम के संयोजक मदन लाल ने तीन दिवसीय कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। महाविद्यालय के प्रवक्ता मि.राजपवन जांगड़ा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी छात्र उपस्थित थे।