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रानी लक्ष्मीबाई जयंती पर कांडा बंधुओं ने किया नमन

 
रानी लक्ष्मीबाई जयंती पर कांडा बंधुओं ने किया नमन 

सिरसा, 19 नवंबर। अप्रतिम शौर्य की प्रतिमूर्ति, मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाली वीरता की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई क ा उनकी जयंती पर नमन करते हुए सिरसा के विधायक, पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा व उनके अनुज भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने कहा कि अद्भुत शौर्य और पराक्रम की अद्वितीय उदाहरण महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को बनारस के एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले वीरों में से एक थीं। लक्ष्मीबाई ने केवल 29 साल की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं। रानी लक्ष्मीबाई का बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन प्यार से उन्हें मनु नाम से बुलाया जाता था। वर्ष 1842 में उनका विवाह झांसी के मराठा शासित राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध के वक्त वर्ष 1857 में ब्रिटिश राज के प्रतिरोध का प्रतीक बन गई थीं। रानी लक्ष्मीबाई ने रणभूमि में वीरगति भले ही प्राप्त की लेकिन उन्होंने अंग्रेजों को अपने राज्य पर कब्जा नहीं करने दिया। उनके राष्ट्र प्रेम, साहस और बलिदान की अमर कहानी बुंदेलखंड के इतिहास को गौरवान्वित कर महिलाओं के लिए आज भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। वीरागंनाओं के पारस्परिक सहयोग, त्याग व आत्मविश्वास दलित सवर्ण का अमिट प्रेम भी राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बना हुआ है।