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नगर निगमों, परिषदों में बढ़ा भ्रष्टाचार

आठ साल में दर्ज हुए 75 केस
 
नगर निगमों, परिषदों में बढ़ा भ्रष्टाचार
चंडीगढ़, 30 दिसंबर। हरियाणा के स्थानीय निकाय विभाग में भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हरियाणा सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 से लेकर अब तक विजिलेंस ब्यूरो ने स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार के आरोप में 75 केस दर्ज किए गए हैं। सबसे अधिक मामले गुरुग्राम व फरीदाबाद निगमों में दर्ज किए गए हैं। विधानसभा में इनेलो विधायक अभय चौटाला ने यह मुद्दा उठाया तो स्थानीय निकाय मंत्री ने वर्ष 2014 से लेकर अब तक रिपोर्ट जारी की।

इस रिपोर्ट के अनुसार कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 व 21 में विजिलेंस द्वारा दर्ज किए गए केसों में स्थिरता तो आई लेकिन कोरोना काल में भी भ्रष्टाचारियों ने अपना खेल जारी रखा। इन दो वर्षों के दौरान ब्यूरो ने क्रमश:सात,सात केस दर्ज किए। इसके पहले और बाद के समय को देखा जाए तो प्रदेश के स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार के केसों में लगातार उछाल आया है। वर्ष 2014 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने स्थानीय निकायों में जहां केवल तीन मामले दर्ज किए वहीं वर्ष 2015 में यह आंकड़ा छह तो 2016 में नौ तक पहुंच गया।

वर्ष 2017 में आठ, 18 में चार तथा वर्ष 2019 में विजिलेंस ब्यूरो ने स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार के दस मामले दर्ज किए। चालू वर्ष में 30 नवंबर तक विजिलेंस ब्यूरो द्वारा स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार के 21 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। विधानसभा में यह मुद्दा उठाने वाले इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश में नगर निगम से लेकर नगर पालिका तक में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। आलम यह है कि ऑनलाइन और पोर्टल के नाम पर आम लोगों को परेशान किया जा रहा है। जानबूझ कर पोर्टल को बंद कर दिया जाता है और पैसे लेकर पोर्टल चलाए जा रहे हैं। निकायों में पैसे दिए बगैर कोई काम नहीं हो रहा है। विधानसभा में सरकार गलत जानकारियां देकर सदन व जनता को गुमराह कर रही है।