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डेरा बाबा भूमणशाह में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा से नवाया शीश

 
डेरा बाबा भूमणशाह में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा से नवाया शीश 
सिरसा। मुख्य डेरा बाबा भूमणशाह संघरसाधां में उदासीन संत बाबा भूमणशाह के 275वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं ने डेरा में श्रद्धा से शीश नवाया व सत्संग का श्रवण कर बाबा ब्रह्मदास महाराज से आशीर्वाद लिया। मेले में शामिल होने श्रद्धालु सुबह से पहुंचने शुरू हो गए थे। 
दिनभर डेरे में गूंज रही घंटियों की घनघनाहट से वातावरण भक्तिमय नजर आया। डेरे में स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए शहीद होने वाले क्रांतिकारियों के चित्र की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिन्हें देखने के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए बाबा ब्रह्मदास महाराज ने कहा कि हमें कर्म हमेशा अच्छे रखने चाहिए और बुरी संगत से दूर रहकर बाबा भूमणशाह महाराज के बताए हुए मार्ग पर चलकर देश धर्म की सेवा को हमेशा तैयार रहना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि विश्व में हिंदु धर्म और भारतीय संस्कृति सबसे श्रेष्ठ है, इसलिए हमें धर्मांतरण कभी नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने हिंदु धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा परिवार न्यौछावर कर दिया था। बाबाजी ने कहा कि युवा वर्ग को नशे से दूर रहकर गौमाता की सेवा व खेलों में अपना भविष्य उज्ज्वल बनाकर देश का नाम दुनिया में रोशन करना चाहिए। इस अवसर पर देश-विदेश से आए साधु-संतों को बाबा ब्रह्मदास ने स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। इस मौके पर राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी सत्संग का श्रवण किया और बाबा से आशीर्वाद लिया। डेरे के सचिव विनोद एडवोकेट ने परिनिर्वाण दिवस पर सेवा कार्य में सहयोग करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।