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कर्ज पर हुड्डा का खट्टर पर फिर हमला

बोले- मेरे आंकड़े गलत तो सरकार जारी करे श्वेत पत्र
 
कर्ज पर हुड्डा का खट्टर पर फिर हमला
रोहतक, 29 दिसंबर। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर फिर हमला बोला। उन्होंने राज्य पर कर्ज को लेकर कहा है कि यदि मेरे आंकड़े गलत हैं तो सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हालात यह हो चुके हैं कि कर्मचारियों की सैलरी पर भी संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों को 10 से 15 दिन देरी से तनख्वाह दी जा रही है।
चार बार कर्ज ले चुके सीएम मनोहर
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पर अभी 3 लाख 25 हजार 114 करोड़ रुपए का कर्ज है। 1 लाख 22 हजार करोड़ रुपए की देनदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय स्टेट बैंक से 19141 और 17946 हजार करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है। इसके अलावा 14995 करोड़ रुपए भारतीय रिजर्व बैंक से और 13012 करोड़ रुपए नाबार्ड से हरियाणा सरकार कर्ज ले चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने गन्ने के भाव में बढ़ोतरी की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे भी खारिज कर दिया। प्रदेश के किसान 450 रुपए प्रति क्विंटल रेट की मांग कर रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि इस बार सरकार ने गन्ने के भाव में एक पैसे की भी बढ़ोत्तरी नहीं की। रेट नहीं बढऩे की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकार द्वारा रेट निर्धारण में देरी के कारण किसानों की पेमेंट भी रुकी हुई है। सरकार पंजाब के बराबर रेट करने के लिए भी तैयार नहीं है।
कांग्रेस ने की 165 फीसदी बढ़ोत्तरी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2005 तक गन्ने का रेट 117 रुपये था। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान इसमें 193 की बढ़ोत्तरी करके 310 रुपए तक पहुंचाया गया। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गन्ने के रेट में लगभग 3 गुणा यानी 165 फीसदी बढ़ोत्तरी की गई। यह सालाना लगभग 18.3 प्रतिशत बढ़ोत्तरी बनती है। लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने 8 साल में गन्ने के रेट में सिर्फ 17 फीसदी ही बढ़ोतरी की यानी सालाना सिर्फ 2.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस के मुकाबले रेट बढ़ोत्तरी के मामले में बीजेपी-जेजेपी सरकार दूर-दूर तक कहीं नहीं ठहरती।
सीएम मनोहर कर रहे ये दावा
सीएम मनोहर ने नेता विपक्ष के आंकड़ों को गलत बताया है। उन्होंने दावा किया है कि वह 4 लाख 15 हजार करोड़ का कर्ज बता रहे हैं, जबकि हरियाणा पर आज के वक्त में 2 लाख 27 हजार करोड़ का कर्ज है। उन्होंने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में हरियाणा सरकार 40 हजार 872 करोड़ रुपए का कर्ज ले सकती थी, लेकिन सरकार ने सिर्फ 32 हजार 500 करोड़ रुपए का ही कर्ज लिया है।
हरियाणा का सबसे अच्छा रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राजकोषीय घाटे का 2.99 फीसदी हमने कर्ज लिया, जो पूरे देश में सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास अभी कोई मुद्दा नहीं है। वह सिर्फ भारत जोड़ो यात्रा का ही ढिंढ़ोरा पीट रही है। इसलिए वह अनाप शनाप सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।