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सीएम के राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी की सिरसा लोकसभा सीट पर है निगाह!

 
सीएम के राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी की सिरसा लोकसभा सीट पर है निगाह!

पल पल न्यूज: सिरसा, 5 जनवरी। सिरसा लोकसभा सीट (आरक्षित) ऐसी सीट है जहां पर मतदाताओं ने बाहरी उम्मीदवारों को गले लगाकर जीत उनकी झोली में डाली है। सीएम मनोहर लाल के राजनीतिक सलाहकार पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी की निगाह भी इन दिनों इसी सीट पर लगी हुई है। एक-दो माह में उनका किसी न किसी बहाने सिरसा का दौरा हो जाता है। उनके समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं उनके समर्थकों ने बेदी फै न क्लब का गठन किया हुआ है। बेदी की सक्रियता बढऩे से मौजूदा सांसद की बेचैनी बढऩा स्वाभाविक है और अब वे भी पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है, चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में उनकी गतिविधियां कम हो गई थी।  सिरसा लोकसभा सीट का इतिहास रहा है कि उसने बाहरी उम्मीदवारों को भी आशीर्वाद दिया है। चौ.दलबीर सिंह को सिरसा सीट पर चार बार आशीर्वाद मिला, दो बार उनकी पुत्री सैलजा को मतदाताओं ने आशीर्वाद दिया। कांगे्रस नेता अशोक तंवर ने सिरसा की पवित्र भूमि से आशीर्वाद मांगा तो मतदाताओं ने उन्हें भी जीत उनकी झोली में डाल दी। इसके बाद में सुनीता दुग्गल ने सिरसा की ओर रुख किया, पहली बार पार्टी ने ही उनका साथ नहीं दिया पर दूसरी ओर भाजपा ने उन्हें सिरसा के मैदान में उतारा।  दुग्गल ने सपने में नहीं सोचा था कि सिरसा की जनता उन्हें इतना बड़ा आशीर्वाद दे सकती है, उन्हें रिकार्ड तीन लाख से अधिक वोटों से जिताकर भेजा। ये सब सिरसा लोकसभा क्षेत्र की जनता और मोदी के जादू का प्रभाव था। चुनाव जीतने के बाद सुनीता दुग्गल क्षेत्र से गायब सी हो गई, उन्हें वोट देने वाले लोग और पार्टी नेता परेशान हो उठे। दिल्ली में पार्टी हाईकमान की बैठक में अपने क्षेत्र से दूरी बनाने वाले सांसदों को सख्त लहजे में चेतावनी दी गई तो सांसदों ने क्षेत्र का दौरा करना शुरू कर दिया। मुुख्यमंत्री मनोहरलाल के पहले कार्यकाल में शाहबाद के विधायक कृष्ण बेदी को मंत्रिमंडल में शामिल कर उन्हें पार्टी की ओर से आशीर्वाद मिला पर 2019 चुनाव में बेदी चुनाव हार गए। वे मुख्यमंत्री के खास थे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार नियुक्त कर दिया। जब बेदी मंत्री थे और उन्हें सिरसा में जिला लोकसंपर्क एवं कष्ट निवारण समिति बैठक की अध्यक्षता सौंपी गई। बेदी ने हर बैठक में पीडितों की सुनी व लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों का जमकर लताड़ा और उनके खिलाफ कार्रवाई की। उनकी यह कार्यप्रणाली जनता का मन मोह गई। कहा जा सकता है कि जनता उनकी इस कार्यप्रणाली की कायल हो गई। देखते ही देखते सिरसा में उनकी समर्थकों की कतार लंबी होती गई। जब भी किसी ने उन्हें किसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया वे पहुंचे। ऐसे में बेदी को लगा कि सिरसा लोकसभा सीट से भी वे अपना राजनीतिक सफर तय कर सकते है लोकसभा में जाने का अपना सपना पूरा कर सकते है। लोग सुनीता दुग्गल की क्षेत्र की अनदेखी से परेशान थे। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोग सांसद को तलाश करने की बात करने लगे थे। कृष्ण बेदी ने ऐसा नहीं कि सिरसा में अपनी सक्रियता बढ़ाई, रानियां, ऐलनाबाद, कालांवाली और डबवाली क्षेत्र में आना जाना शुरू कर दिया है। फतेहाबाद जिला में भी उनकी सक्रियता बढ़ी है। कहा जा सकता है कि सिरसा लोकसभा क्षेत्र में उनकी सक्रियता बढ़ रही है। हर क्षेत्र में उनके फैन क्लब गठित हो रहे हैं। इन्हीं के माध्यम से क्लब की सदस्यता बढ़ती जा रहा है। बेदी के आने व हर कार्यक्र म की सूचना सोशल मीडिया पर उनके फैन क्लब द्वारा पहुंचाई जाती है। हो सकता है कि बेदी अपने स्तर पर सिरसा लोकसभा क्षेत्र में अपने लिए जमीन तैयार कर रहे हों। ये भी हो सकता है कि पार्टी हाईकमान के इशारे पर वे ऐसा कर रहे हों। हो सकता है कि पार्टी बेदी को सिरसा सीट से चुनाव लड़ाए व सुनीता दुग्गल को संगठन में ले जाकर उनसे पार्टी की सेवा करवाए क्योंकि सुनीता दुग्गल जैसे व्यक्तित्व की संगठन को ज्यादा जरूरत होती है। वैसे सुनीता दुग्गल आजकल सिरसा जिला में काफी सक्रिय हो चुकी है, वे हर सरकारी बैठक में भाग लेती हंै, गांवों का दौरा करती हैं और लोगों की बात सुनती हैं।
सीएम के राजनीतिक सलाहकार का राजनीति से इतना लगाव पहली बार देखा है। वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश चोपडा सीएम मनोहरलाल के राजनीतिक सलाहक ार रहे पर उनकी गतिनिधियां राजनीतिक सलाहकार के दायरे में ही रही, उन्होंने अपने लिए कोई राजनीतिक जगह की तलाश नहीं की। हां, उनका पुत्र अमन चोपड़ा सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे के लिए प्रयास करता रहा। जगदीश चोपडा मुख्यमंत्री के सबसे खास लोगों में शुमार है, सीएम उनकी हर बात को मानते हैं। पर कृष्ण बेदी राजनीतिक सलाहकार की कुर्सी पर बैठकर सिरसा पर भी निशाना लगा रहे हैं।  लोकसभा के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मोदी लहर पर सवार होकर लोकसभा पहुंच जाते हैं, ऐसा ही कुछ बेदी करना चाहते है। बेदी ने जब रैली की थी तो सिरसा से उनके समर्थन में दर्जनों बसों में सवार होकर उनके समर्थक गए थे। ऐेसे में कहा जा सकता है कि बेदी सिरसा में अपनी जगह पक्की करते जा रहे हैं। अब देखना यह है कि पार्टी हाईकमान आसन्न लोकसभा चुनाव में सिरसा लोकसभा सीट पर किसे टिकट देता है।