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हरियाणा में 628 गौशालाएं, फिर भी 80 हजार गोवंश सडक़ों पर

 
हरियाणा में 628 गौशालाएं, फिर भी 80 हजार गोवंश सडक़ों पर 

करनाल, 18 फरवरी। प्रदेश में इन दिनों गौ तस्करी का मुद्दा विशेष चर्चा में है। सरकार की ओर से गोवंशी पशुओं के लिए 628 गौशालाएं पंजीकृत की गई हैं। इनमें करीब 4.5 लाख गाय हैं। इसके बावजूद प्रदेशभर में 80 हजार से ज्यादा पशु सडक़ों पर घूम रहे हैं। रात के अंधेरे में पशु तस्कर इन पशुओं को अपना निशाना बनाते हैं।

हरियाणा पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में इसका खुलासा पहले ही हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक सरकार की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।

कोर्ट में चल रहे सैंकड़ों केस
हरियाणा सरकार ने गाय की तस्करी और हत्या पर अंकुश लगाने के लिए 2015 में हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन अधिनियम बनाया था, लेकिन कम सजा दर के कारण यह इस खतरे की जांच करने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हो रहा है। हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने बताया कि राज्य भर में अधिनियम के तहत पंजीकृत 350 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं।

सीमांत राज्यों से आ रहे पशु

हरियाणा में अधिकांश आवारा पशु पंजाब, राजस्थान व उत्तर प्रदेश सीमा पर पाए जा सकते हैं। इसलिए सीमावर्ती राज्यों से इनके हमारे प्रदेश में आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। गौ सेवा आयोग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इन मवेशियों पर स्थानीय व बाहरी तस्करों की निगाह रहती है।

5 सालों में बनी 500 गौशालाएं
आयोग के अधिकारियों के अनुसार, गौशालाओं में आवारा पशुओं के पुनर्वास और पशु तस्करी की जांच के लिए हर जिले में एक गौ रक्षा बल का गठन किया गया है। पिछले 5 सालों में राज्य में 500 से अधिक नई गौशालाएं बनाई गईं, लेकिन सभी आवारा पशुओं के पुनर्वास के लिए अभी भी कई और गौशालाओं की आवश्यकता है। 


गौशालाओं में पशुओं की भीड़
एक गौ रक्षक ने दावा किया कि राज्य में अधिकांश गौशालाओं में अधिक भीड़ है, जबकि कुछ मवेशी शेड थे जहां गायों को दुहने के बाद सडक़ों पर छोड़ दिया जाता था। उसने बताया कि ये मवेशी गाय तस्करों के निशाने पर हैं, जिन्होंने ऐसे जानवरों का पता लगाने के लिए लोगों की मदद भी ली और रात में नाममात्र सुरक्षा व्यवस्था का फायदा उठाते हुए इनकी तस्करी करने में सफल हुए।