पीएम श्री स्कूलों के 190 प्रधानाचार्यों, शिक्षकों ने लिए नवाचार व उद्यमिता के टिप्स

बूटकैंप स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एइईसीटीई) तथा शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। आयोजन वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से किया गया, जो उद्यमिता शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिष्ठित संस्था है।
बूटकैंप के दौरान नवाचार, डिज़ाइन थिंकिंग और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गहन कार्य सत्र, इंटरैक्टिव समूह गतिविधियां एवं व्यावहारिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
कैंप के पहले एवं दूसरे दिन नवाचार की मूल अवधारणाओं, डिज़ाइन थिंकिंग, उद्यमी समस्या पहचान, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण एवं मूल्य सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया। ये सत्र डॉ. एम. चित्रा एवं सुश्री मौमिता आचार्य द्वारा संचालित किए गए। प्रतिभागियों ने संरचित समूह गतिविधियों, केस-आधारित चर्चाओं एवं अनुभवात्मक शिक्षण मॉड्यूल्स में सक्रिय सहभागिता की, जिससे नवाचार-आधारित शिक्षण पद्धतियों को मजबूती मिली।
प्रतिभागियों को वास्तविक उद्यमी अनुभवों से परिचित कराने के उद्देश्य से 'इन्सपायर टू स्टार्ट' विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें अंकित, संस्थापक, हर्बचिक एवं डॉ. सौरभ त्रिवेदी, संस्थापक, वेंचरबोल्ट ने स्टार्टअप आइडिएशन, क्रियान्वयन की चुनौतियों तथा नवाचार-आधारित समस्या समाधान पर अपने अनुभव साझा किए।
बूटकैंप के तीसरे दिन का फोकस निष्पादन, वित्तीय समझ एवं उद्यमिता की स्थिरता पर रहा। ये सत्र डॉ. एम. चित्रा एवं डॉ. अजीता श्रीवास्तव द्वारा संचालित किए गए। प्रमुख विषयों में प्रोटोटाइपिंग, वित्तीय साक्षरता, बिजनेस मॉडल विकास, छात्र स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग एवं अनुदान के अवसर, तथा संरचित पिचिंग अभ्यास शामिल रहे।
अनुदान एवं फंडिंग अवसरों पर एक विशेष सत्र श्री सुमित महाजन द्वारा लिया गया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों ने कोबोटिक्स लैब, एसीइईसी एसजीटीयू इनक्यूबेशन सेंटर, ईवी लैब, एप्पल लैब एवं यूनिवर्सिटी एक्सीलेंस सेंटर का भ्रमण किया, जहां उन्हें जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम, नवाचार सुविधाओं एवं छात्र-नेतृत्व वाले उद्यमों से परिचित कराया गया।
समापन सत्र में प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया, प्रमुख सीखों पर चर्चा की गई तथा बूटकैंप को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले सभी प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। समापन समारोह में एसजीटी विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन ऋषि शर्मा, सीईओ, एसीआईसी एसजीटी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं समापन टिप्पणी के साथ हुआ, जिसमें स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, एआईसीटीई, शिक्षा मंत्रालय इनोवेशन सेल, वाधवानी फाउंडेशन एवं एसजीटी विश्वविद्यालय की ओर से देशभर के विद्यालय शिक्षकों में नवाचार, डिज़ाइन थिंकिंग एवं उद्यमी मानसिकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

