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झारखंड विधानसभा में गरमाया अवैध खनन का मुद्दा

विपक्ष ने अवैध खनन मामले की विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की मांग की 
 
झारखंड विधानसभा में गरमाया अवैध खनन का मुद्दा  
रांची, 18 मार्च। झारखंड विधानसभा में शनिवार को अवैध खनन का मामला गूंजा। विपक्ष ने अवैध खनन मामले की विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की मांग की। विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12:30 बजे तक स्थगित कर दी गयी।

इससे पहले भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि तीन साल में राज्य भर में अवैध पत्थर खनन और अवैध परिवहन के हजारों मामले सामने आये हैं। इसमें अवैध विस्फोटकों के इस्तेमाल का भी मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि राज्यभर में लगभग 20 हजार करोड़ का खनन घोटाला हुआ है। विस्फोटक के दुरुपयोग का भी मामला सामने आया है। यह सीधे-सीधे एनआईए का मामला है। इसकी एनआईए से जांच होनी चाहिए। बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार अपने कर्मों को छिपाने के लिए कभी सीबीआई जांच नहीं कराएगी लेकिन स्पीकर को इसकी विधानसभा की समिति से जांच करानी चाहिए, नहीं तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।

इस पर जवाब में मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हेमंत सरकार में रघुवर सरकार से तीन गुना ज्यादा राजस्व वसूली खनन से हुई है। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में तीन साल में 15784 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था जबकि हमारी सरकार में तीन साल में 30949 करोड़ राजस्व खनन से मिला है। उन्होंने कहा कि जहां तक एक्सप्लोसिव के दुरुपयोग का मामला है तो यह भारत सरकार की जिम्मेदारी है। एक्सप्लोसिव एक्ट भारत सरकार से नियंत्रित होता है।

भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि साहिबगंज और पलामू में कई पहाड़ गायब हो गए। राजस्व क्या मिल रहा है, यह विषय नहीं है। विषय अवैध खनन का है। उन्होंने स्पीकर से मामले की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम लोग अब आंख में पट्टी बांधकर नहीं बैठेंगे।

इस पर जवाब देते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हेमंत है तो हिम्मत है। विपक्ष में हिम्मत है तो आप उस चिट्ठी का जवाब ले आइए जो मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री को लिखा है, जिसका अब तक जवाब नहीं आया है। उस चिट्ठी में लिखा गया है कि रेलवे के अधिकारी भी अवैध खनन में संलिप्त थे।

सरयू राय ने कहा कि अवैध खनन से पर्यावरण को क्षति हो रहा है। इसे लेकर एनजीटी में दायर वाद पर एनजीटी कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार वहां अराजकता रोकने में असफल है। 15 मार्च की रिपोर्ट है। इस पर भाजपा विधायकों ने शेम शेम के नारे लगाए।