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भूपेश बघेल धर्मांतरण को संरक्षण और प्रोत्साहन दे रहे हैं-सांसद सुनील सोनी

 
भूपेश बघेल धर्मांतरण को संरक्षण और प्रोत्साहन दे रहे हैं-सांसद सुनील सोनी  
रायपुर, 23 जनवरी। रायपुर सांसद सुनील सोनी ने बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टिप्पणी पर कहा है कि भूपेश अपना ज्ञान चंगाई सभा में जाकर उन लोगों को बांटें जो इन सभाओं के जरिए धर्मांतरण की साजिशों को निरंतर आगे बढ़ाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति के प्रसार और धर्मांतरण तथा लव जिहाद को रोकने के कोई भी प्रयास भूपेश बघेल को क्यों भटकते हैं, यह छत्तीसगढ़ की आम जनता और सारे सनातनी लोग बेहतर तरीके से जानते हैं। हनुमान चालीसा और राम भजन कीर्तन से भूपेश बघेल को दिक्कत क्यों है?

रायपुर सांसद सुनील सोनी ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि भूपेश बघेल अवैध धर्मांतरण करने वालो के प्रभाव में हैं। वह धर्मांतरण को संरक्षण और प्रोत्साहन दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सुनियोजित रूप से धर्मांतरण चल रहा है और इसे रोकने के प्रयास जो भी करता है, भूपेश बघेल और उनकी सरकार उसके दमन के लिए उतावले हो जाते हैं।छत्तीसगढ़ में इस तरीके से धर्मांतरण कराया जा रहा है कि कोई उसे प्रमाणित नहीं कर सकता।क्योंकि प्रमाणित करने ही नहीं दिया जाएगा। धर्मांतरण को संरक्षण देने के लिए जिस राज्य में रासुका का दुरुपयोग किया जा रहा है, वहां निष्पक्ष शासन व्यवस्था की उम्मीद नहीं की जा सकती।

भाजपा सांसद सुनील सोनी ने कहा कि भूपेश बघेल, शास्त्री जी पर रासुका नहीं लगा सकते इसलिए उन्हें अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी दे रहे हैं कि वह अपनी सनातनी संस्कृति के संरक्षण का कार्य छत्तीसगढ़ में न करें।मुख्यमंत्री का बयान धीरेंद्र शास्त्री जी को रोकने जैसा है। भूपेश बघेल इतने बड़े ज्ञानी हो गए हैं कि अब वह साधु संत और मर्मज्ञ शास्त्री को शास्त्र शिक्षा दे रहे हैं। उनकी पार्टी हिंदू धर्म के आराध्य के न होने का शपथ पत्र देती है और अब यह साधु-संतों को सलाह देने लगे हैं। दिल्ली में जाकर चंगाई सभा के आयोजकों से मिलकर उन्हें साथ होने का वचन देने वाले भूपेश बघेल को समझना चाहिए कि हिंदू संस्कृति से छेड़खानी बहुत भारी पड़ेगी।दरअसल धीरेंद्र शास्त्री जी ने धर्म वापसी कराई है तो भूपेश बघेल को दिल्ली में अपना नंबर कटने का डर बैठ गया है। इसलिए शास्त्री जी के खिलाफ पहले अपने इसी कार्य के लिए रिजर्व मंत्री कवासी लखमा को उतारा और अब खुद उतर गए।