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जयपुर में ब्राह्मण दिखा रहे ताकत : महासंगम से पहले गाजे-बाजे के साथ निकली कलश यात्रा

 
 जयपुर में ब्राह्मण दिखा रहे ताकत : महासंगम से पहले गाजे-बाजे के साथ निकली कलश यात्रा
जयपुर, 3 सितंबर। चुनावी साल में राजधानी जयपुर में एकबार फिर ब्राह्मण समाज जुट रहा है। ब्राह्मणों को सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए रामनिवास बाग में ब्राह्मण महासंगम का आयोजन हो रहा है, जिसमें प्रदेशभर के साथ देश-दुनिया से लोग शिरकत कर रहे हैं। महासंगम में बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग एक जाजम पर दिखाई देंगे, इसमें बॉलीवुड की हस्तियां, राजनेता और संत-महंत एक साथ मंच पर नजर आएंगे।

महांसगम से पहले रविवार सुबह चांदनी चौक से गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकली। कलश यात्रा त्रिपोलिया गेट से बाहर निकली तो भगवान परशुराम के जयकारे गूंज उठे। कलश यात्रा में महिलाएं एक ही रंग के परिधान में नजर आई। कलशयात्रा के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद परशुराम की महाआरती होगी, इसके बाद स्वस्तिवाचन के साथ कार्यक्रम शुरू होगा। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी व पूर्व मंत्री व उत्तराखंड के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल भी शामिल होंगे। फिल्म निर्माता निदेशक पद्मश्री मधुर भंडारकर, फिल्म निर्माता निदेशक अनिल शर्मा के अलावा जलदाय मंत्री डाॅ. महेश जोशी, शिक्षा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक रामलाल शर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. रघु शर्मा, सांसद मनीष तिवारी, विधायक राकेश पारीक, विधायक सूर्यकांता व्यास, राजस्थान विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा, निशक्तजन आयोग के अध्यक्ष उमाशंकर शर्मा, पूर्व चेयरमैन कर्मचारी चयन आयोग हरिप्रसाद शर्मा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठन शामिल होंगे।

महासंगम में आर्थिक आधार पर 14 प्रतिशत आरक्षण, भगवान परशुराम विश्वविद्यालय की स्थापना, भगवान परशुराम की 111 फीट प्रतिमा की स्थापना, प्रत्येक जिले में गुरुकुल की स्थापना कर वैदिक संस्कृति को बढ़ाने, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में हो रही विसंगतियों को दूर करने, ब्राह्मण आरक्षण आंदोलन के समय लगाए गए मुकदमे वापस लेने, पुजारी प्रोटेक्शन बिल, हर जिले में ब्राह्मण बालिकाओं के लिए छात्रावास की स्थापना, विधानसभा चुनाव में प्रमुख दल कम से कम 35 टिकट और लोकसभा में कम से कम 5 टिकट देने, पंचायत चुनाव में आर्थिक आधार पर राजनीतिक आरक्षण, किसी भी जाति के लिए अपमानजनक शब्दों पर पाबंदी के साथ ईडब्ल्यूएस आरक्षण में आय सीमा 8 लाख की जगह 12 लाख करने की मांग बुलंद की जाएगी।