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सुप्रीम कोर्ट ने संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी से दो हफ्ते में मांगी स्टेटस रिपोर्ट

 
  सुप्रीम कोर्ट ने संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी से दो हफ्ते में मांगी स्टेटस रिपोर्ट
नई दिल्ली, 29 अप्रैल सुप्रीम कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद में विवादित कुएं को लेकर शाही जामा मस्जिद कमेटी को स्टेटस रिपोर्ट पर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी की ओर से पेश वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि उसके प्रमुख हिरासत में हैं, इसलिए जवाब दाखिल नहीं हो पाया है। तब कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कमेटी के वकील जेल में उनसे मिल कर जवाब दाखिल करवाएं। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा कि कुआं विवादित इमारत से पूरी तरह बाहर है, जबकि मस्जिद कमेटी की ओर से कहा गया कि कुआं का कुछ हिस्सा मस्जिद के भीतर है। इस पर कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कमेटी और प्रशासन को आपस में बात कर हल निकालना चाहिए था।
इस मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा है कि संभल जामा मस्जिद में कुआं मस्जिद परिसर के भीतर नहीं है। यूपी सरकार ने कहा है कि न केवल कुआं, बल्कि मस्जिद भी सार्वजनिक भूमि पर स्थित है। स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद वाला कुआं उन 19 कुओं का हिस्सा है, जिन्हें जिला प्रशासन की ओर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। इनका रेनवाटर हार्वेस्टिंग के जरिये पुनर्जीवन होने के बाद सभी समुदायों के लोग इस्तेमाल कर सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को मस्जिद से जुड़े कुएं को लेकर नगरपालिका के नोटिस के अमल पर रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने मस्जिद प्रबंधन कमेटी की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था। इससे पहले 29 नवंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने संभल के ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो जामा मस्जिद विवाद मामले पर तब तक कोई कार्रवाई नहीं करें, जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट कोई निर्देश न दे दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष सर्वे के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकते हैं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सील कवर रखने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ये रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर अलग से सुनवाई चल रही है, इस मामले को वहीं रखा जाएगा।