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सिख विरोधी दंगे के सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला सुरक्षित

 
 सिख विरोधी दंगे के सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली, 31 जनवरी  राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 7 फरवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया।
यह मामला 1 नवंबर, 1984 का है। शाम को करीब साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने राज नगर इलाके स्थित सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह के घर पर हमला कर लोहे की सरियों और लाठियों से पीट कर दोनों को जलाकर मौत के घाट उतार दिया था। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से तत्कालीन कांग्रेस के सांसद सज्जन कुमार कर रहे थे। सज्जन कुमार ने ही भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया था। इस दौरान भीड़ ने इनके घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को भी अंजाम दिया था। शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।