सहकारिता क्षेत्र के जरिए करोड़ों किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए केंद्र कटिबद्धः अमित शाह
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एनसीडीसी की 91वीं आम परिषद की बैठक को किया संबोधित
Nov 23, 2024, 19:56 IST
नई दिल्ली, 23 नवंबर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से करोड़ों किसानों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार सहकारिता आंदोलन के माध्यम से देश के नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी सरकार सहकारिता के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है और इस दिशा में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की अहम भूमिका है। वह आज यहां राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की 91वीं आम परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने सहकारी आंदोलन में एनसीडीसी के योगदान की सराहना की और लाखों सहकारी समितियों के जीवन को बदलने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी की सफलता न केवल इसके 60 हजार करोड़ रुपये के संवितरण से परिलक्षित होती है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सहकारी क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालने की इसकी क्षमता से भी परिलक्षित होती है।
श्वेतक्रांति 2.0 के महत्व पर जोर देते हुए अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में दुग्ध सहकारी संघों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने दूध उत्पादक संघों की स्थापना के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और एनसीडीसी के बीच सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि इन संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जिसमें दूध उत्पादन के शुरुआती चरण की देखरेख एनडीडीबी द्वारा की जाए। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल श्वेत क्रांति को आगे बढ़ाएगी बल्कि आदिवासी समुदायों और महिलाओं को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
अमित शाह ने कहा कि एक ऐप आधारित कैब कोऑपरेटिव सोसाइटी सेवा स्थापित करनी चाहिए, जिससे लाभ सीधे ड्राइवरों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने सहकारी समितियों को एकीकृत करने में राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया और प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनसीडीसीऔर सहकारिता मंत्रालय इन प्रयासों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने चीनी मिलों की वित्तीय क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक पंचवर्षीय योजना तैयार करने का भी सुझाव दिया, जिसका लक्ष्य उनकी फंडिंग को बढ़ाकर 25 हजार करोड़ करना है। इस पहल से चीनी उद्योग के विकास और स्थिरता को बढ़ाने, बेहतर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास को समर्थन मिलेगा। उन्होंने ओडिशा, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे तटीय राज्यों में गहरे समुद्र में ट्रॉलर की संभावना तलाशने को भी कहा।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में एनसीडीसी के साथ सहकारी इंटर्न योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य राज्य और जिला सहकारी बैंकों को केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने और पैक्स को मजबूत बनाने में मदद करना है। सहकारी इंटर्न योजना प्रतिभागियों को अमूल्य व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में मदद करेगी और उन्हें सहकारिता के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और ग्रामीण समुदायों के विकास का समर्थन करने के लिए तैयार करेगी। उन्होंने देशभर में सहकारिता क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए एक सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना करने का आह्वान किया और सहकारिता के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया, जिससे सहकार से समृद्धि के विज़न को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने सहकारी आंदोलन में एनसीडीसी के योगदान की सराहना की और लाखों सहकारी समितियों के जीवन को बदलने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी की सफलता न केवल इसके 60 हजार करोड़ रुपये के संवितरण से परिलक्षित होती है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सहकारी क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालने की इसकी क्षमता से भी परिलक्षित होती है।
श्वेतक्रांति 2.0 के महत्व पर जोर देते हुए अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में दुग्ध सहकारी संघों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने दूध उत्पादक संघों की स्थापना के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और एनसीडीसी के बीच सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि इन संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जिसमें दूध उत्पादन के शुरुआती चरण की देखरेख एनडीडीबी द्वारा की जाए। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल श्वेत क्रांति को आगे बढ़ाएगी बल्कि आदिवासी समुदायों और महिलाओं को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
अमित शाह ने कहा कि एक ऐप आधारित कैब कोऑपरेटिव सोसाइटी सेवा स्थापित करनी चाहिए, जिससे लाभ सीधे ड्राइवरों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने सहकारी समितियों को एकीकृत करने में राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया और प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनसीडीसीऔर सहकारिता मंत्रालय इन प्रयासों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने चीनी मिलों की वित्तीय क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक पंचवर्षीय योजना तैयार करने का भी सुझाव दिया, जिसका लक्ष्य उनकी फंडिंग को बढ़ाकर 25 हजार करोड़ करना है। इस पहल से चीनी उद्योग के विकास और स्थिरता को बढ़ाने, बेहतर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास को समर्थन मिलेगा। उन्होंने ओडिशा, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे तटीय राज्यों में गहरे समुद्र में ट्रॉलर की संभावना तलाशने को भी कहा।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में एनसीडीसी के साथ सहकारी इंटर्न योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य राज्य और जिला सहकारी बैंकों को केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने और पैक्स को मजबूत बनाने में मदद करना है। सहकारी इंटर्न योजना प्रतिभागियों को अमूल्य व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में मदद करेगी और उन्हें सहकारिता के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और ग्रामीण समुदायों के विकास का समर्थन करने के लिए तैयार करेगी। उन्होंने देशभर में सहकारिता क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए एक सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना करने का आह्वान किया और सहकारिता के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया, जिससे सहकार से समृद्धि के विज़न को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।