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जनभागीदारी से सिरसा का विकास-10

 
जनभागीदारी से सिरसा का विकास-9

अक्सर कहा जाता है कि सरकारें सरक सरक कर चलती हैं। अनेक विकास कार्य इसका जीता जागता उदाहरण है। 1987 में चौ. देवीलाल जब प्रदेश के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने ओटू वियर से खैरेकां तक घग्घर के तटबंध बनाकर उस पर सड़क बनाने की घोषणा की। लगभग अढ़ाई वर्ष तक वे स्वयं मुख्यमंत्री रहे तथा उसके बाद देश के उप प्रधानमंत्री बने। मगर ओटू वियर से लेकर खैरेकां तक की सड़क नहीं बन पाई। हालांकि घग्घर के दोनों ओर मिट्टी के तटबंध अवश्य बन गए। इस दौरान जुलाई 1993 में घग्घर नदी में आई बाढ़ के कारण सिरसा वायु स्टेशन व सिरसा नगर का पश्चिमी हिस्सा जिसमें पुरानी हाउसिंग बोर्ड, अनाज मंडी, ए,बी,सी ब्लॉक, सिविल अस्पताल, सब्जी मंडी के क्षेत्र शामिल थे, पानी में डूब गया। इस बाढ़ के बाद एक बार फिर घग्घर के तटबंधों पर पक्की सड़क बनाने की योजना बनी, मगर सिरे नहीं चढ़ी। हरियाणा में वर्ष 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद सिरसा के वरिष्ठ भाजपा नेता श्री जगदीश चोपड़ा को मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार लगाया गया, उनके प्रयासों से 20 जुलाई 2015 को प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा ओटू से खैरेकां तक घग्घर नदी के दक्षिण और 16 किलोमीटर लंबी तटबंध पर सड़क बनाने की घोषणा की। इस घोषणा के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने यह कहकर कि इस सड़क के निर्माण का अभी कोई लाभ नहीं है, भविष्य की योजना में इस सड़क का निर्माण की बात लिखकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। आखिर नागरिक परिषद सिरसा द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर 8 मई 2016 को एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया। यह ज्ञापन नागरिक परिषद के सचिव श्री सुरेंद्र भाटिया के अतिरिक्त पब्लिक सर्विस कमीशन हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष श्री एलडी मेहता, बार एसोसिएशन सिरसा के पूर्व प्रधान श्री रमेश मेहता व गुरुनानक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र सिंह वैदवाला की ओर से मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार व नागरिक परिषद के अध्यक्ष श्री जगदीश चोपड़ा को सौंपा गया। इस ज्ञापन के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आई व सड़क के निर्माण को ठंडे बस्ते से निकालकर वर्ष 2016-17 की परियोजना में इस सड़क को डाला गया। लगभग 28 करोड़ की लागत से यह सड़क 2017 में बनकर तैयार हुई। आज डबवाली, सरदूलगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को सिरसा शहर के अंदर से नहीं गुजरना पड़ता तथा वे सीधा इस सड़क के माध्यम से रानियां, ऐलनाबाद की ओर  जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस सड़क के बन जाने से घग्घर नदी की भविष्य में आने वाली बाढ़ से सिरसा नगर के साथ-साथ देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण वायुसेना केंद्र को भी सुरक्षित किया गया है।

मिनी बाइपास सड़क को रानियां रोड तक बढ़ाया गया
प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष नागरिक परिषद ने 20 जुलाई 2015 को सिरसा के मिनी बाइपास जो हिसार रोड पर दिल्ली पुल से आरंभ होकर बरनाला रोड से होते हुए डबवाली रोड तक पूर्व सरकारों के समय बनकर तैयार हो गया था, को डबवाली रोड से रानियां रोड बंदरों वाले पुल तक मिलाने की मांग रखी। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस मांग को मानते हुए लगभग 3.80 किलोमीटर सड़क निर्माण की घोषणा की। यह सड़क भंभूर माइनर पर बननी थी, मगर अधिकारियों ने इस सड़क के निर्माण को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 12 करोड़ रुपए की परियोजना बनाई गई। नहर के दोनों और सड़क का निर्माण किया जाना था तथा नहर को पाइपों में डाला जाना था। जब मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद इस सड़क का निर्माण आरंभ नहीं हुआ तो नागरिक परिषद द्वारा 17 मई 2016 को एक ज्ञापन सौंपा गया। नागरिक परिषद की ओर से सचिव श्री सुरेंद्र भाटिया, श्री रमेश मेहता, उस समय के भाजपा अध्यक्ष यतिन्द्र सिंह व भाजपा नेता भूपेश मेहता की ओर से यह ज्ञापन मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जगदीश चोपड़ा को सौंपा गया। इसके बाद इस सड़क का निर्माण आरंभ हुआ मगर अधिकारियों ने नहर के दोनों ओर सड़क बनाने के स्थान पर नहर के एक ओर सड़क का निर्माण वर्ष 2017 में पूरा किया, मगर नहर को बंद करने का काम अभी भी अधूरा था। नागरिक परिषद द्वारा वर्ष 2019 व 2021 में मुख्यमंत्री को पुन: ज्ञापन भेजे गए जिसके बाद वर्ष 2022 में इस नहर को पाईपों में डालने का काम आरंभ किया गया।