Pal Pal India

हरियाणा का कोई भी कांगे्रस नेता या कार्यकर्ता प्रियंका गांधी का चुनाव प्रचार करने वायनाड नहीं जाएगा

 
हाईकमान जिसकी डयूटी लगाएगा केवल वहीं चुनाव प्रचार करने जाएगा
 
  हरियाणा का कोई भी कांगे्रस नेता या कार्यकर्ता प्रियंका गांधी का चुनाव प्रचार करने वायनाड नहीं जाएगा
 
सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान की ओर दी गई हिदायत
चंडीगढ़, 07 नवंबर। जब किसी भी राजनीतिक दल का प्रमुख नेता चुनाव मैदान में उतरता है तो देशभर के नेता और कार्यकर्ता उसके चुनाव प्रचार में पहुंचकर हाजिरी जरूर दर्ज करवाना चाहते है, पता नहीं कब आका की नजरे इनायत से उनकी तकदीर का ताला खुल जाए।  वाडनाड उप चुनाव में प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार में कौन कौन नेता कहां से जाएगा यह सूची अखिल भारतीय कांगे्रस की महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा की ओर से जारी की जा चुकी है।  इसके बावजूद हरियाणा कांगे्रस के प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान ने प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक पत्र जारी की हिदायत दी है कि कोई भी अपने स्तर पर चुनाव प्रचार में नहीं जाएगा, हाईकमान जिसे चाहेगा उसे सीधा बुलाएगा। यह पत्र कई नेताओं के अरमाना पर पानी फे रता दिखाई दे रहा है।
हरियाणा कांगे्रस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान की ओर से प्रदेश के सभी पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं, डेलीगेट, महासचिव, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, सांसद और विधायक, एआर्ईसीसी पदाधिकारियों, सदस्यों, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में रहे प्रत्याशी, जिला प्रभारी, जिला प्रवक्ता, मेयर, पार्षद, पूर्व मेयर, चेयरमैन, पूर्व चेयरमैन, सभी प्रकोष्ठ के  पदाधिकारी, प्रदेश स्तरीय नेताओं के नाम एक पत्र लिखकर दिशा निर्देश जारी किए गए है। प्रदेशाध्यक्ष की ओर से कहा गया है अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी के संज्ञान में आया है कि हरियाणा के  नेता, कार्यकर्ता वायनाड उप चुनाव में प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार में जाना चाहते है या जा रहे है, उनके लिए हाईकमान का निर्देश है कि प्रदेश केनेता और कार्यकर्ता अपने स्तर पर चुनाव प्रचार में न जाए, जिनकी जरूरत होगी हाईकमान की ओर से उन्हें सीधे ही दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
देशभर के नेताओं और कार्यकर्ताओं के पहुंचने से बिगड़ सकती है व्यवस्था
प्र्रियंका गांधी वाड्रा कांगे्रस की महाासचिव होने के  साथ साथ पार्टी की कद्दावर नेता है, वे अपना पहला चुनाव लड़ रही है, अभी तक उन्होंने केवल पार्टी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर जीत के  लिए जमीन ही तैयार की है। ऐसे में पार्टी का हर नेता और कार्यकर्ता उनके चुनाव प्रचार में अपना योगदान देना चाहता है। अधिकतर प्रियंका गांधी के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना चाहते है कि वे भी उनके चुनाव प्रचार में वायनाड आए थे। हाईकमान को लग रहा है कि अगर देशभर से नेता और कार्यकर्ता वायनाड उप चुनाव में चुनाव प्रचार करने पहुंच गए तो कही वहां पर अव्यवस्था न फैल जाए। एक तो वहां पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य के नेताओं और कार्यकर्ता के  समक्ष भाषा संब ंधी समस्या सामने आएगी। ऐसे में नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ का कोई फायदा पार्टी को नहीं होगा, बाहरी लोगों की मौजूदगी से वायनाड के लोग भी परेशान हो सकते है।  दूसरा उत्तर भारतीयों  के समक्ष स्थानीय खाने को लेकर   समस्या भी पैदा हो सकती है।
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के कई पदों को संभाला
प्रियंका गांधी अपनी सूझबूझ के लिए जानी जाती हैं। 2017 में यूपी विधानसभा में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन और सीट बंटवारे में प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका निभाई।  जनवरी 2019 तक प्रियंका को पूर्वी यूपी में कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था, जहां कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोडऩे के बाद, सितंबर 2020 तक, उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया था। हालांकि दिसंबर 2023 में संगठनात्मक फेरबदल में उनसे उत्तर प्रदेश का प्रभार छीन लिया गया, लेकिन वो पार्टी की महासचिव बनी रहीं।
पहली बार संसद में हो सकते हैं गांधी परिवार के तीन सदस्य
अगर प्रियंका गांधी वायनाड से जीतती हैं, जिसे कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट माना जाता है, तो यह पहली बार होगा जब नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में होंगे। पहली बार राहुल और प्रियंका गांधी लोकसभा में और सोनिया गांधी राज्यसभा में होंगी।