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एमई ने लगाया जातिसूचक गालियां निकालने व धमकाने का आरोप

मंत्री ने आरोपों को बताया निराधार 
 
एमई ने लगाया जातिसूचक गालियां निकालने व धमकाने का आरोप  
फतेहाबाद, 7 मार्च। ई-टेंडरिंग और सरपंचों को राइट टू रिकॉल की धमकी देने वाले प्रदेश के पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली एक नए विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। नगरपरिषद टोहाना के पालिका अभियंता (एमई) रमनदीप ने मंत्री पर अपने घर बुलाकर उन्हें जातिसूचक गालियां निकालने और उनकी कुर्सी पर लात मारकर धमकाने का आरोप लगाया है।

इससे आहत एमई द्वारा जिला नगर आयुक्त को पत्र लिखकर उनका टोहाना से तबादला अन्य जगह करने का आग्रह किया है। हालांकि यह मामला कुछ दिन पुराना है लेकिन एमई द्वारा लिखा गया पत्र अब सामने आया है। इस बारे फतेहाबाद के डीएमसी अजय चोपड़ा ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने इसे विभाग को भेज दिया है दूसरी ओर पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने अपने पर लगे आरोपों को गलत बताया है। इस मामले में मंगलवार को ठेकेदार ने भी सामने आकर एमई पर बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।

डीएमसी को लिखे पत्र में एमई रमनदीप ने कहा है कि पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने 3 मार्च को रात करीब सवा 8 बजे उन्हें फोन किया और हाल ही में खोले गए टैंडर, मधुर मिलन समारोह के दौरान प्राप्त मांग पत्रों पर तैयार किए गए अनुमान तथा चल रहे विकास कार्यों की रिपोर्ट सहित 4 मार्च को अपने निवास गांव बिढ़ाईखेड़ा तलब किया। इस पर सुबह वह विकास कार्यों की रिपोर्ट लेकर नगरपरिषद में कार्यरत मनोज कुमार व सुमित कुमार कनिष्ठ अभियंता के साथ मंत्री के आवास पर पहुंचा।

एमई ने आरोप लगाया कि वहां पंचायत मंत्री ने टोहाना के वार्ड 17 व 23 के विकास कार्यों की अदायगी बारे उस पर गलत दबाव बनाया। जब उसने मत्री को उपरोक्त कार्यों के सैम्पल फेल, निर्माण कार्य में कमी व सरकारी खजाने की राशि का दुरूपयोग बारे बताया तो वहां मौजूद बबल जैन नामक युवक ने उस पर रिश्वत मांगने व नाजायज तंग करने के आरोप लगाए। इस पर मंत्री ने जिस कुर्सी पर वह बैठा था, उस कुर्सी को लात मारी और उसे जातिसूचक गालियां निकालनी शुरू कर दी।

मंत्री ने उससे कहा कि हाल में खोले गए टैंडर उनके विरोधी को दिए हैं, इसे कैंसल कर दोबारा करने का दबाव डाला। गाली-गलौच की आवाज सुनकर दूसरे कमरे में बैठे अन्य एमसी व दोनों जेई उस कमरे में आए। पार्षद जोनी मेहता व जेई की मौजूदगी में मंत्री ने उसके साथ हाथापाई की तो उक्त लोगों ने बीच-बचाव किया। मंत्री ने उसके कामों की इन्कवायरी, सम्पति की जांच व देख लेने की धमकी दी। एमई ने आरोप लगाया कि मंत्री द्वारा उसके एससी समाज से सम्बंधित होने के कारण गलत कार्यों की अदायगी, सरकारी खजाने को हानि पहुंचाने का दबाव बनाया जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हैं। एमई ने डीएमसी से उनका तबादला अन्य जगह करने का आग्रह किया।

इस मामले में ठेकेदार ने कहा कि उसके पास वार्ड नं. 17 व 23 के दो काम थे और उसने दोनों कामों को समय से पहले ही पूरे कर दिए थे। इस पर एमई ने करीब दो माह पहले ही उनका बिल बनवा दिया था लेकिन साइन नहीं किए। करीब दो सप्ताह पूर्व जब उन्होंने एमई से इस बारे पूछा तो एमई ने उससे बिल पास करने की एवज में 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग की। इस पर उसने इस बारे पंचायत मंत्री को शिकायत की थी।