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हिसार में उतरे लड़ाकू विमान, शहरवासी हतप्रभ

 अब दो दिन होगी रिहर्सल, 55 जवानों का दल पहुंचा
 
  हिसार में उतरे लड़ाकू विमान, शहरवासी हतप्रभ
हिसार, 5 फरवरी  यहां के महाराजा अग्रसेन
हवाई अड्डे से लड़ाकू विमानों का संचालन होगा। भारतीय वायुसेना यहां दो दिन और प्रशिक्षण
लेगी। इसके लिए बुधवार को यहां लड़ाकू विमान उतरे। विमानों की आवाज सुनकर एक बारगी
तो शहरवासी भी हतप्रभ रह गए और वे अपने प्रतिस्ठानों से बाहर आकर आकाश में विमानों
को देखने लगे। प्रशिक्षण शिविर तीन दिन का था लेकिन
वायुसेना का पहला दिन तैयारियों में ही बीत गया। भारतीय वायुसेना के 55 जवानों व अधिकारियों
का दल हिसार एयरपोर्ट पहुंच चुका है। इसमें सिरसा वायुसेना के करीब 18 पायलटों का दल
शामिल है। इस दल में अधिकतर पायलट सिरसा वायुसेना स्टेशन के हैं। इसके अलावा वायुसेना
के अधिकारी भी शामिल हैं। वायुसेना का प्रशिक्षण कार्यक्रम हिसार एयरपोर्ट पर बने नए
रनवे पर होगा जो 7 फरवरी तक चलेगा। सिरसा वायुसेना स्टेशन के ग्रुप कैप्टन रीतम कुमार
इस कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे।
आपात स्थिति में वायुसेना स्टेशन का विकल्प बन
सकेगा हवाई अड्डा
वायुसेना से जुड़े पूर्व अधिकारियों का कहना है
कि वायुसेना एयरफोर्स स्टेशन के अलावा वैकल्पिक हवाई पट्टी की तलाश करती है, ताकि जब
दुश्मन हमारे ठिकानों को निशाना बनाए तो आपात स्थिति में हम उस वैकल्पिक रनवे का इस्तेमाल
कर सकें। हिसार एयरपोर्ट आपात स्थिति में अंबाला और सिरसा वायुसेना स्टेशन का विकल्प
बन सकता है। हिसार हवाई अड्डे की 10 हजार फीट की हवाई पट्टी
है। एयरपोर्ट का करीब 7200 एकड़ में है। इस अड्डे को संचालित करने के लिए अभी डीजीसीए
से लाइसेंस नहीं मिला है। लाइसेंस नहीं मिलने के कारण डोमेस्टिक फ्लाइट नहीं उड़ पाई
है।
हिसार से लाइसेंस मिलने के बाद पांच राज्यों के
लिए जहाज को उड़ाया जाना है। उम्मीद है फरवरी के अंत तक एयरपोर्ट को लाइसेंस मिल सकता
है। इससे पहले वायुसेना के अधिकारी ही इस ट्रायल को कर रहे हैं। वायुसेना की तरफ से
इस ट्रायल को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए है। कोई बाहरी व्यक्ति बिना इजाजत
के अंदर नहीं जा सकता।