धान खरीद में देरी को लेकर किसानों-आढ़तियों ने किया प्रदर्शन
Sep 24, 2024, 14:22 IST
यमुनानगर, 24 सितंबर धान की खरीद में देरी को लेकर किसानों और आढ़तियों ने मंगलवार काे संयुक्त रूप से लघु सचिवालय के सामने अनाज मंडी गेट पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया व जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री व कार्यकारी मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष संजू गूंदियाना ने कहा कि धान की फसल को मंडियों में आए 10 दिन से अधिक का समय हो गया हैं और सरकार ने धान की खरीद 23 सितंबर से शुरू करनी थी।
सरकार की ओर से एक पत्र जारी कर सरकारी खरीद की तारीख आगे बढ़ाकर एक अक्टूबर कर दी है। उन्होंने कहा कि आजकल धान की फसल की कई किस्में, जो कम समय में पक कर तैयार हो जाती है और उनको मंडियों में लाया गया। आज सारी मंडियां धान की फसल से अटी पड़ी है। उन्होंने कहा कि 1966 में जब से हरियाणा बना था, तब से यह कानून था कि धान की फसल को 100 दिन के अंदर पकने के बाद खरीदा जाता है। इसके अलावा जब सरकार धान की रुपाई का समय 15 जून निर्धारित करती है, तो उस हिसाब से भी 15 सितंबर तक समय बनता है और फसल पक कर तैयार हो जाती है तो सरकार इसे खरीदने में क्यों देरी करती है। इससे किसानों को बहुत अधिक नुकसान है।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक या दो दिन में अगर सरकार द्वारा धान की खरीद का निर्णय नहीं लिया जाता तो सभी मंडियों को बंद कर मंडियों के गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा। अनाज मंडी मार्किट कमेटी के सचिव विशाल गर्ग ने कहा कि मंडियों में फसल आ चुकी है और प्रशासन की ओर से किसानों के लिए मंडियों में सभी जरुरी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। धान फसल की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से की जाएगी।
सरकार की ओर से एक पत्र जारी कर सरकारी खरीद की तारीख आगे बढ़ाकर एक अक्टूबर कर दी है। उन्होंने कहा कि आजकल धान की फसल की कई किस्में, जो कम समय में पक कर तैयार हो जाती है और उनको मंडियों में लाया गया। आज सारी मंडियां धान की फसल से अटी पड़ी है। उन्होंने कहा कि 1966 में जब से हरियाणा बना था, तब से यह कानून था कि धान की फसल को 100 दिन के अंदर पकने के बाद खरीदा जाता है। इसके अलावा जब सरकार धान की रुपाई का समय 15 जून निर्धारित करती है, तो उस हिसाब से भी 15 सितंबर तक समय बनता है और फसल पक कर तैयार हो जाती है तो सरकार इसे खरीदने में क्यों देरी करती है। इससे किसानों को बहुत अधिक नुकसान है।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक या दो दिन में अगर सरकार द्वारा धान की खरीद का निर्णय नहीं लिया जाता तो सभी मंडियों को बंद कर मंडियों के गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा। अनाज मंडी मार्किट कमेटी के सचिव विशाल गर्ग ने कहा कि मंडियों में फसल आ चुकी है और प्रशासन की ओर से किसानों के लिए मंडियों में सभी जरुरी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। धान फसल की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से की जाएगी।