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जैन धर्म के तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध

 
 जैन धर्म के तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध
यमुनानगर, 3 जनवरी। श्री सुमतिनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर छोटी लाइन के सभागार में श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में सकल जैन समाज की एक अपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सभी आमनाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्वेतांबर जैन सभा यमुनानगर के महामंत्री अटल जैन ने की व संचालन जैन मिलन के महामंत्री देवेन्द्र जैन व कार्यक्रम अधिकारी सुशील जैन ने किया। 
दिगंबर जैन सभा बुडिया के प्रधान भूषण जैन ने बताया कि झारखंड सरकार ने जैन समाज के प्रमुख धार्मिक व पवित्र तीर्थ स्थान सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित करने के विरोध में संपूर्ण भारत वर्ष से विरोध धरना प्रदर्शन किये जा रहे है व अधिकारियों को ज्ञापन दिये जा रहे है, जिससे अपनी बात सरकार तक पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि जैन समाज की मांग है कि इस अधिसूचना को रद्द किया जाये, जिससे जैन धर्म के पवित्र तीर्थ का अपमान न हो और किसी की भावना को ठेस न पहुंचे क्योंकि जैन समाज शांतिप्रिय समाज है और किसी भी प्रकार की हिंसा में विश्वास नहीं रखता। 
उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार के फैसले से पवित्र स्थान को अपवित्र किया जाने लगा है और इस लोग पवित्र तीर्थराज पर जूते-चप्पल लेकर चढ़ रहे है, मांस मदिरा का सेवान करने लग पड़े हैं व अनेक प्रकार के व्यसन किए जाने लगे हैं। इसी बात पर संपूर्ण जैन समाज ने रोष व विरोध प्रकट किया जा रहा है, क्योंकि यह तीर्थराज सम्पूर्ण जैन समाज का पूरे भारत का प्रमुख केन्द्र है। 
एसएस जैन सभा प्रधान राकेश जैन ने कहा कि इस कड़ी में स्थानीय जिलाधिकारी को जैन समाज की सभी आमनाओं के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन दिया जायेगा। 5 जनवरी दिन वीरवार को मॉडल टाऊन शास्त्री पार्क से एक विशाल रोष रैली प्रात: 11 बजे आरंभ होगी जिसमें झारखंड सरकार के फैसले का विरोध करते हुये सदस्य अपने हाथों में पोस्टर व बैनर लेकर उपायुक्त कार्यालय तक कूच करेंगे और अधिकारियों को अपनी बात कहकर ज्ञापन देंगे।